बिहार बोर्ड कक्षा 10 के इतिहास पाठ्यक्रम का पहला अध्याय: “यूरोप में राष्ट्रवाद — मनुष्य की चेतना और सामूहिक पहचान की कहानी”
BSEB Class 10 History Chapter 1 Solutions – यूरोप में राष्ट्रवाद
यह अध्याय केवल घटनाओं का विवरण नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं, सपनों, और संघर्षों का दस्तावेज़ है। 18वीं और 19वीं सदी में यूरोप ने वैचारिक क्रांति की वह लहर देखी, जहाँ “राष्ट्र” की अवधारणा ने व्यक्ति की पहचान को साम्राज्यों के बंधनों से मुक्त कर सामूहिक अस्मिता की ओर मोड़ दिया। फ्रांसीसी क्रांति (1789) को इसका प्रथम स्वर मानें — यहाँ “लिबर्टी, इगालिटे, फ्रैटर्निटे” (स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) के नारे ने राजाओं के दैवीय अधिकार को चुनौती दी और जनता को राष्ट्र का निर्माता घोषित किया।
इस अध्याय का सार यह है: राष्ट्रवाद मनुष्य की उस सामूहिक कल्पना का नाम है, जो सीमाओं से बड़ी होती है। यह विद्यार्थियों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या राष्ट्र की अवधारणा “हम” और “वे” के बीच की दीवारें तोड़ सकती है, या उन्हें और मजबूत करती है?

Bihar Board Class 10 History Chapter 1 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. इटली एवं जर्मनी वर्तमान में किस महादेश के अंतर्गत आते हैं ?
(क) उत्तरी अमेरिका
(ख) दक्षिणी अमेरिका
(ग) यूरोप
(घ) पश्चिमी एशिया
उत्तर- (ग)
प्रश्न 2. फ्रांस में किस शासक वंश की पुनर्स्थापना वियना कांग्रेस द्वारा की गई थी?
(क) हैब्सवर्ग
(ख) आर्लिया वंश
(ग) बूर्वो वंश
(घ) जार शाही
उत्तर- (ग)
प्रश्न 3. मेजनी का संबंध किस संगठन से था ?
(क) लाल सेना
(ख) कर्बोनरी
(ग) फिलिक हेटारिया
(घ) डायट
उत्तर- (ख)
प्रश्न 4. इटली एवं जर्मनी के एकीकरण के विरुद्ध निम्न में कौन था ?
(क) इंगलैंड
(ख) रूस
(ग) आस्ट्रिया
(घ) प्रशा
उत्तर- (ग)
प्रश्न 5. ‘काउंट काबूर’ को विक्टर इमैनुएल ने किस पद पर नियुक्त किया ?
(क) सेनापति
(ख) फ्रांस में राजदूत
(ग) प्रधानमंत्री
(घ) गृहमंत्री
उत्तर- (ग)
प्रश्न 6. गैरीबाल्डी पेशे से क्या था ?
(क) सिपाही
(ख) किसान
(ग) जमींदार
(घ). नाविक
उत्तर- (घ)
प्रश्न 7. जर्मन राईन राज्य का निर्माण किसने किया था ?
(क) लुई 18वाँ
(ख) नेपोलियन बोनापार्ट
(ग) नेपोलियन III
(घ) बिस्मार्क
उत्तर- (ख)
प्रश्न 8. “जालवेरिन” एक संस्था थी?
(क) क्रांतिकारियों की
(ख) व्यापारियों की
(ग) विद्वानों की
(घ) पादरी सामंतों का
उत्तर- (ख)
प्रश्न 9. “रक्त एवं लौह” की नीति का अवलम्बन किसने किया था?
(क) मेजनी
(ख) हिटलर
(ग) बिस्मार्क
(घ) विलियम I
उत्तर- (ग)
प्रश्न 10. फ्रैंकफर्ट की संधि कब हुई?
(क) 1864
(ख) 1866
(ग) 1870
(घ) 1871
उत्तर- (घ)
प्रश्न 11. यूरोपवासियों के लिए किस देश का साहित्य एवं ज्ञान-विज्ञान प्रेरणास्रोत रहा?
(क) जर्मनी
(ख) यूनान
(ग) तुर्की
(घ) इंग्लैंड
उत्तर- (ख)
प्रश्न 12. 1829 ई. की एड्रियानोपुल की संधि किस देश के साथ हुई ?
(क) तुर्की
(ख) यूनान
(ग) हंगरी
(घ) पोलैंड
उत्तर- (क)
Bihar Board Class 10 History Chapter 1 रिक्त स्थानों को भरें :
- सेडॉन के युद्ध में ही एक महाशक्ति के पतन पर दूसरी यूरोपीय महाशक्ति जर्मनी का जन्म हुआ था।
- सेडोवा का युद्ध आस्ट्रिया और प्रशा के बीच हुआ था।
- 1848 ई० की फ्रांसीसी क्रांति ने मेटरनिख युग का भी अंत कर दिया।
- बेटीकन सिटी के राजमहल, जहाँ पोप रहते थे जो इटली के …प्रभाव……. से बचा रहा
- यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करने के बाद बबेरिया के शासक ऑटोमन को वहाँ का राजा घोषित किया गया।
- हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट है।
Bihar Board Class 10 History Chapter 1 समूहों का मिलान करें
उत्तर-(i)
समूह ‘अ’ | समूह ‘व’ |
---|---|
1. मेजिनी | (ख) इटली |
2. हीगेल | (क) दार्शनिक |
3. बिस्मार्क | (घ) जर्मन चांसलर |
4. विक्टर इमैनुएल | (ग) राजनीतिज्ञ |
उत्तर-(ii)
समूह ‘अ’ | समूह ‘ब’ |
---|---|
1. वियना सम्मेलन | (घ) 1815 ई० |
2. मेटरनिख का पतन | (ग) 1848 ई० |
3. इटली एकीकरण | (क) 1871 ई० |
4. सेडॉन युद्ध | (ख) 1870 ई० |
उत्तर-(iii)
समूह ‘अ’ | समूह ‘व’ |
---|---|
1. कोसुथ | (ख) हगरियन राष्ट्रवादी नेता |
2. एड्रियानोपल की संधि | (ग) 1829 ई० |
3. यूनान की स्वतंत्रता | (घ) 1832 ई० |
4. पोलैण्ड में आन्दोलन | (क) 1863 ई० |
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. राष्ट्रवाद क्या है?
उत्तर- राष्ट्रवाद एक विचारधारा है जो किसी राष्ट्र की एकता, सांस्कृतिक पहचान और संप्रभुता को प्राथमिकता देती है। यह देशभक्ति, सामूहिकता और राष्ट्रीय हितों पर बल देता है।
प्रश्न 2. मेजिनी कौन था?
उत्तर- ज्यूसेपे मेजिनी एक इतालवी क्रांतिकारी था, जिसने इटली के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक थे और “यंग इटली” आंदोलन के संस्थापक थे।
प्रश्न 3. जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थीं?
उत्तर-जर्मनी के एकीकरण में कई बाधाएँ थीं, क्षेत्रीय विभाजन, ऑस्ट्रिया-प्रशा प्रतिस्पर्धा, विभिन्न राजशाहियाँ, बाहरी हस्तक्षेप, आर्थिक असमानता और भाषाई व सांस्कृतिक भिन्नताएँ प्रमुख बाधाएँ थीं।
प्रश्न 4. मेटरनिख युग क्या है?
उत्तर- मेटरनिख युग (1815-1848) यूरोप में पुनर्स्थापन और प्रतिक्रियावादी राजनीति का दौर था, जिसे ऑस्ट्रिया के राजनयिक क्लेमेंस वॉन मेटरनिख ने निर्देशित किया। इस युग में राजशाही, सामंतवाद और पारंपरिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए क्रांतिकारी आंदोलनों को दबाया गया, जिससे यूरोप में स्थिरता और दमन दोनों बढ़े।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. 1848 के फ्रांसीसी क्रांति के कारण क्या थे?
उत्तर- 1848 की फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य कारण आर्थिक संकट, बेरोजगारी, खाद्य संकट, राजनीतिक असंतोष और लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग थे। लुई फिलिप की निरंकुश नीतियाँ, सामाजिक असमानता और जनता की बढ़ती असंतोष ने क्रांति को भड़काया। मध्यम वर्ग और श्रमिकों ने सुधारों की मांग की, जिससे फरवरी 1848 में क्रांति हुई और द्वितीय गणराज्य की स्थापना हुई।
प्रश्न 2. इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका क्या थी?
उत्तर- इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका मुख्य रूप से बाधक रही। उसने इटली के कुछ हिस्सों पर आक्रमण किया, जिससे सार्डिनिया के शासक चार्ल्स एलबर्ट को हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रिया के दमनकारी हस्तक्षेप ने इटली में जनवादी आंदोलनों को कुचल दिया और मेजिनी के प्रयास विफल हो गए। हालांकि, इस संघर्ष ने इटली में राष्ट्रवाद और एकता की भावना को और मजबूत किया। जर्मन राज्यों में उभरते विद्रोहों को भी ऑस्ट्रिया और प्रशिया ने मिलकर दबाया, लेकिन ये आंदोलन आगे चलकर जर्मनी के एकीकरण की नींव बने।
प्रश्न 3. यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ?
उत्तर- नेपोलियन बोनापार्ट ने यूरोप में राष्ट्रवाद के प्रसार में अहम भूमिका निभाई। इटली पर विजय प्राप्त करने के बाद, उसने वहाँ के छोटे-छोटे राज्यों को समाप्त कर दिया और रिगाओ, फेर्रारा, बोलोना तथा मोडेना को मिलाकर ट्रांसपार्निका गणराज्य की स्थापना की। इससे वहाँ के लोगों में राष्ट्रीय चेतना जागी। नेपोलियन के सुधारों और प्रशासनिक बदलावों ने यूरोप में आधुनिक राष्ट्रों की नींव रखी, जिससे आगे चलकर राष्ट्रवादी आंदोलनों को बल मिला और लोगों में एकता और स्वतंत्रता की भावना मजबूत हुई।
प्रश्न 4. गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें!
उत्तर-गैरीबाल्डी एक प्रमुख इतालवी क्रांतिकारी थे, जिन्होंने इटली के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1860 में “रेड शर्ट्स” सेना का नेतृत्व किया और सिसिली तथा नेपल्स पर विजय प्राप्त की। वे जनता में लोकप्रिय थे और उनके साहसिक सैन्य अभियानों ने इटली को एकजुट करने में मदद की। उनका योगदान इटली को एक स्वतंत्र और संगठित राष्ट्र बनाने में अहम रहा।
प्रश्न 5. विलियम के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था, कैसे?
उत्तर- विलियम प्रथम ने 1830 में प्रशिया के शासक का पद संभाला। वे एक साहसी, कुशल और रणनीतिक सोच वाले शासक थे। सिंहासन पर बैठते ही उन्होंने प्रशिया की सैन्य शक्ति को बढ़ाने पर जोर दिया, क्योंकि वे समझते थे कि एक मजबूत सेना के बिना जर्मनी का एकीकरण संभव नहीं होगा। राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधने के अपने लक्ष्य को साकार करने के लिए उन्होंने बिस्मार्क जैसे प्रतिभाशाली कूटनीतिज्ञ को चांसलर नियुक्त किया। बिस्मार्क ने विलियम प्रथम के समर्थन और उनकी सैन्य शक्ति का उपयोग कर जर्मन राज्यों को संगठित किया। इसलिए, विलियम प्रथम के बिना जर्मनी का एकीकरण असंभव था।
BSEB Class 10 History Chapter 1 Solutions – यूरोप में राष्ट्रवाद
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: इटली के एकीकरण में मेजिनी, कावूर और गैरीबाल्डी के योगदान की चर्चा करें।
उत्तर: इटली के एकीकरण में तीन प्रमुख नेताओं— मेजिनी, कावूर और गैरीबाल्डी ने अहम भूमिका निभाई।
मेजिनी ने राष्ट्रवादी आंदोलन को वैचारिक आधार प्रदान किया। उन्होंने यंग इटली संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य इटली को विदेशी शासन से मुक्त कर एकीकृत करना था। उन्होंने युवाओं में राष्ट्रवादी चेतना जागृत की और इटली को स्वतंत्र करने के लिए कई विद्रोह किए, हालांकि ये सफल नहीं हुए, लेकिन इसने एकीकरण की नींव रखी।
कावूर, जो सार्डिनिया के प्रधानमंत्री थे, ने कूटनीतिक और राजनीतिक तरीके अपनाए। उन्होंने फ्रांस के साथ मिलकर ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध लड़ा और उत्तरी इटली को एकीकृत करने में सफलता प्राप्त की। उनकी नीतियों और कुशल कूटनीति ने इटली को एक सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में अग्रसर किया।
गैरीबाल्डी को इटली की तलवार कहा जाता है। उन्होंने लाल कुर्ती दल का नेतृत्व किया और दक्षिणी इटली को मुक्त कराने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने सिसिली और नेपल्स को विजय कर इटली में मिला दिया और अपने विजित क्षेत्रों को विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया, जिससे इटली का एकीकरण पूरा हुआ।
प्रश्न 2: जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर: जर्मनी के एकीकरण में ओटो वॉन बिस्मार्क की भूमिका निर्णायक रही। उन्हें आयरन चांसलर कहा जाता है क्योंकि उन्होंने जर्मनी को एकीकृत करने के लिए रक्त और लौह नीति (Blood and Iron Policy) अपनाई।
बिस्मार्क को प्रशिया के राजा विलियम प्रथम ने 1862 में चांसलर नियुक्त किया। उन्होंने जर्मनी को एकीकृत करने के लिए तीन बड़े युद्ध लड़े:
- डेनमार्क युद्ध (1864) – बिस्मार्क ने डेनमार्क से श्लेस्विग और होल्सटीन क्षेत्र को जीतकर जर्मनी में मिला लिया।
- ऑस्ट्रिया-प्रशिया युद्ध (1866) – ऑस्ट्रिया को हराकर बिस्मार्क ने उत्तरी जर्मन परिसंघ की स्थापना की।
- फ्रांस-प्रशिया युद्ध (1870-71) – फ्रांस को हराने के बाद, दक्षिणी जर्मन राज्यों ने प्रशिया के साथ मिलकर जर्मनी के एकीकरण को स्वीकार कर लिया।
इन युद्धों के परिणामस्वरूप, 1871 में विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया और जर्मनी एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ।
प्रश्न 3: राष्ट्रवाद के उदय के कारणों और प्रभावों की चर्चा करें।
उत्तर: राष्ट्रवाद का उदय कई सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कारणों से हुआ।
राष्ट्रवाद के उदय के प्रमुख कारण:
- पुनर्जागरण और जागरूकता – पुनर्जागरण ने लोगों में नई सोच विकसित की और स्वतंत्रता की भावना को बल दिया।
- फ्रांसीसी क्रांति (1789) – इस क्रांति ने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के विचारों को जन्म दिया, जिससे राष्ट्रवाद का प्रसार हुआ।
- नेपोलियन के युद्ध – नेपोलियन ने यूरोप में आधुनिक प्रशासनिक व्यवस्था लागू की, जिससे राष्ट्रवादी चेतना जागी।
- औद्योगीकरण – उद्योगों के विकास ने आर्थिक प्रतिस्पर्धा बढ़ाई, जिससे राष्ट्रवाद को और बल मिला।
- प्रिंट मीडिया और शिक्षा – समाचार पत्रों और शिक्षा के प्रसार से लोगों में राष्ट्रीयता की भावना मजबूत हुई।
राष्ट्रवाद के प्रभाव:
- इटली और जर्मनी का एकीकरण – राष्ट्रवाद की भावना के कारण ये दोनों राष्ट्र स्वतंत्र और संगठित हुए।
- यूरोप में क्रांतिकारी लहर – 1848 की क्रांतियाँ राष्ट्रवाद से प्रेरित थीं, जिससे कई देशों में राजनीतिक बदलाव हुए।
- औपनिवेशिक संघर्ष – राष्ट्रवाद ने एशिया और अफ्रीका में स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया।
- युद्ध और संघर्ष – राष्ट्रवाद ने कई देशों को आपसी टकराव में धकेला, जिससे प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध की नींव पड़ी।
इस प्रकार, राष्ट्रवाद ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलनों को जन्म दिया, बल्कि यूरोप और विश्व राजनीति में स्थायी बदलाव लाए।
प्रश्न 4: जुलाई 1830 की क्रांति का विवरण दें।
उत्तर: जुलाई 1830 की क्रांति फ्रांस में चार्ल्स दशम् के निरंकुश शासन के खिलाफ हुई।
चार्ल्स दशम् ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित कर दिया और संसद को नकारते हुए शाही आदेश जारी किए। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में पोलिग्नेक को नियुक्त किया, जिसने कठोर नीतियाँ अपनाईं।
क्रांति के प्रमुख घटनाक्रम:
- 25 जुलाई 1830 – चार्ल्स दशम् ने चार अध्यादेश जारी किए, जिससे जनता भड़क उठी।
- 27-29 जुलाई 1830 – पेरिस की सड़कों पर विद्रोह शुरू हुआ, जिसे “ग्लोरियस थ्री डेज़” (महान तीन दिन) कहा जाता है।
- चार्ल्स दशम् का पतन – विद्रोह के बाद चार्ल्स दशम् इंग्लैंड भाग गए और बूर्वो वंश का अंत हो गया।
- लुई फिलिप का शासन – लुई फिलिप को जनता का राजा घोषित किया गया।
परिणाम:
- फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र स्थापित हुआ।
- राष्ट्रवाद और जनतंत्र की भावना को बल मिला।
- यूरोप के अन्य देशों में भी क्रांतियाँ शुरू हुईं।
प्रश्न 5: यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर: यूनान 15वीं शताब्दी से तुर्क साम्राज्य के अधीन था, लेकिन 19वीं शताब्दी में वहाँ स्वतंत्रता आंदोलन शुरू हुआ।
मुख्य घटनाएँ:
- 1821 में विद्रोह – अलेक्जेंडर चिपसिलांटी के नेतृत्व में यूनानियों ने तुर्की शासन के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया।
- यूरोपीय समर्थन – यूरोप के कई देशों ने यूनानियों का समर्थन किया, विशेष रूप से इंग्लैंड, रूस और फ्रांस।
- लॉर्ड बायरन का योगदान – प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि लॉर्ड बायरन ने यूनानी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
- नवारिनो युद्ध (1827) – इंग्लैंड, फ्रांस और रूस ने तुर्की की सेना को हराकर यूनान की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया।
- एड्रियानोपल संधि (1829) – इस संधि के तहत यूनान को स्वायत्तता मिली।
- 1832 में पूर्ण स्वतंत्रता – यूनान को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया और बवेरिया के शासक ओटो को यूनान का पहला राजा बनाया गया।
परिणाम:
- यूनान पहला ऐसा देश बना जिसने तुर्क साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की।
- इस क्रांति ने यूरोप के अन्य राष्ट्रवादी आंदोलनों को प्रेरित किया।
इस प्रकार, यूनानी स्वतंत्रता संग्राम यूरोपीय राष्ट्रवाद का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया।