यहाँ बिहार बोर्ड कक्षा 8वीं के नई पैटर्न पर आधारित एनसीईआरटी विज्ञान पुस्तक के समाधान को सरल और सहज हिंदी भाषा में समझाया गया है। प्रत्येक अध्याय के उत्तर तर्कपूर्ण, छात्र के दृष्टिकोण से और वास्तविक जीवन से जुड़ाव रखते हुए बताए गए हैं।
कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 1 के लिए एनसीईआरटी समाधान – फसल उत्पादन एवं प्रबंध अभ्यास के सभी सवाल जवाब सरल भाषा में यहाँ दिए गए हैं। ये सभी समाधान सीबीएसई सिलैबस 2025-26 को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।

अभ्यास
1 .उचित शब्द छाँट कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
तैरने, जल, फसल, पोषक, तैयारी
(क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़ी मात्रा में उगाए गए पौधों को फसल कहते हैं।
(ख) फसल उगाने से पहले प्रथम चरण मिट्टी की तैयारी होती है।
(ग) क्षतिग्रस्त बीज जल की सतह पर तैरने लगेंगे।
(घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश एवं मिट्टी से जल तथा पोषक आवश्यक हैं।
2 .’कालम A’ में दिए गए शब्दों का मिलान ‘कालम B’ से कीजिए
उत्तर –
कॉलम A | कॉलम B |
(i) खरीफ़ फसल | (e) धान एवं मक्का |
(ii) रबी फसल | (d) गेहूँ, चना, मटर |
(iii) रासायनिक उर्वरक | (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट |
(iv) कार्बनिक खाद | (c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष |
3. निम्न के दो-दो उदाहरण दीजिए
(क) खरीफ़ फसल
(ख) रबी फसल
उत्तर –
(क) खरीफ़ फसल—धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, कपास, आदि ।
(ख) रबी फसल—गेहूं, चना, मटर, सरसों, आदि ।
प्रश्न 4 :निम्न पर अपने शब्दों में एक-एक पैराग्राफ लिखिए-
(क) मिट्टी तैयार करना
(ग) निराई
(ख) बुआई
(घ) थ्रेशिंग
उत्तर –
(क) मिट्टी तैयार करना : फसल उगाने से पहले मिट्टी तैयार करना पहला कदम है। कृषि में सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक मिट्टी को पलटना और इसे ढीला करना है। इससे जड़ें मिट्टी में गहराई तक प्रवेश कर सकती हैं। ढीली मिट्टी से केंचुओं और रोगाणुओं के पनपने में मदद मिलती है जो किसान के मित्र हैं और यह मिट्टी में ह्यूमस मिलाते हैं। साथ ही, मिट्टी को पलटने और ढीला करने से पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी सबसे ऊपर आती है ताकि पौधे इन पोषक तत्वों का उपयोग कर सकें।
(ख) बुआई : बुआई का मतलब होता है खेत में बीज बोना। यह काम मौसम, मिट्टी की नमी और बीज की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। बीज को सीड ड्रिल या हाथ से बोया जा सकता है।
(ग) निराई : खरपतवार अवांछित पौधे हैं जो फसलों के साथ उगते हैं और खरपतवार निकालने को निराई के रूप में जाना जाता है। हाथों से खुरपी जैसे औजारों का उपयोग करके या 2, 4 – D जैसे घास-फूस नाशी (वेडाईसाइड्स) का उपयोग करके खरपतवारों को हटाया जा सकता है। खेतों में खरपतवार को मारने के लिए इनका छिड़काव किया जाता है।
(घ) थ्रेशिंग : पयालों से अनाज को अलग करने की प्रक्रिया को थ्रेशिंग कहा जाता है। इसे ‘कंबाइन’ नामक मशीन की सहायता से किया जाता है, जो वास्तव में एक हार्वेस्टर है और थ्रेशर का संयोजन है।
5. स्पष्ट कीजिए कि उर्वरक खाद से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर –
उर्वरक और खाद दोनों ही पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनमें कई महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। उर्वरक एक रासायनिक पदार्थ होता है जो विशेष पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम तुरंत पौधों को देता है। ये तेज़ी से असर दिखाते हैं और फसल की उपज बढ़ाने में मदद करते हैं। परंतु अधिक मात्रा में या लगातार उपयोग करने से यह मिट्टी की संरचना और जीवों को नुकसान पहुँचा सकता है।
खाद, दूसरी ओर, प्राकृतिक तरीके से तैयार की जाती है जैसे गोबर, पत्तियाँ, खाद्य अपशिष्ट आदि से। यह मिट्टी की उर्वरता को धीरे-धीरे बढ़ाती है और उसमें जैविक गुण बनाए रखती है। खाद पौधों को पोषण देने के साथ-साथ मिट्टी की बनावट और जलधारण क्षमता में सुधार करती है। इस तरह, उर्वरक तात्कालिक पोषण देता है जबकि खाद मिट्टी को दीर्घकालिक रूप से समृद्ध बनाती है।
6. सिंचाई किसे कहते हैं? जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियों का वर्णन कीजिए।